अखिलेश, चंद्रशेखर, ओवैसी... किसी और से ज्यादा जयंत चौधरी के लिए इज्जत का सवाल क्यों है मीरापुर सीट

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए सोमवार को प्रचार के आखिरी दिन तमाम दलों के बड़े नेताओं ने मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। साल 2022 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में मीरापुर

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मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए सोमवार को प्रचार के आखिरी दिन तमाम दलों के बड़े नेताओं ने मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। साल 2022 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में मीरापुर सीट उस वक्त समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में रहे राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने जीती थी। अब आरएलडी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है।

इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए आरएलडी पूरा जोर लगा रही है। यहां इसी बदलाव ने उपचुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है। भाजपा ने आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को केंद्रीय मंत्री बनाकर एनडीएम में शामिल होने का इनाम दिया था। ऐसे में मीरापुर उपचुनाव भाजपा-रालोद गठबंधन की पहली चुनावी परीक्षा है। लिहाजा उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। चौधरी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में वोट मांगने के लिए मीरापुर में मौजूद थे।

अखिलेश, ओवैसी, चंद्रशेखर ने किया प्रचार
उनके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी और भीम आर्मी के मुखिया एवं सांसद चंद्रशेखर आजद भी अपने पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए मीरापुर में ही थे। मीरापुर में चुनाव परिणाम विशेष रूप से जयंत चौधरी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उसने 2022 के विधानसभा चुनाव में यह सीट जीती थी। रालोद अपनी सीट को बरकरार रखकर सपा को मजबूत संदेश देने का प्रयास करेगा।

सपा दिखाना चाहेगी ताकत
दूसरी ओर, सपा अपने पूर्व सहयोगी से यह सीट छीनकर इस क्षेत्र में अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करना चाहेगी। मीरापुर सीट के उपचुनाव में 3.24 लाख से अधिक मतदाता 11 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे। हालांकि मुख्य मुकाबला सपा की सुम्बुल राना और रालोद के मिथिलेश पाल के बीच है। बहुजन समाज पार्टी, एआईएमआईएम और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी विधानसभा सीट से अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

जीत को लेकर आश्वस्त हैं जयंत
मीरापुर में प्रचार करने के बाद केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी अपनी पार्टी के उम्मीदवार की जीत के प्रति आश्वस्त दिखे। प्रचार के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ''माहौल बहुत अच्छा है। लोग मुस्कुरा रहे हैं और कार्यकर्ता जोश में हैं। यह आमतौर पर उपचुनावों में नहीं देखा जाता।'' जब उन्हें याद दिलाया गया कि उनके पिछले गठबंधन सहयोगी सपा प्रमुख अखिलेश यादव और भीम आर्मी के चंद्रशेखर भी प्रचार के लिए मीरापुर में थे, तो उन्होंने कहा, ''आज प्रचार का आखिरी दिन है और इसलिए हर कोई वोट की अपील कर रहा है। हमने लोगों से 20 नवंबर को मतदान करने की अपील की है।''

सपा के पीडीए पर निशाना
जयंत ने यह भी कहा कि जो लोग पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) का नाम ले रहे हैं, उन्होंने संविधान निर्माताओं का सम्मान नहीं किया। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि उनकी पार्टी मीरापुर सीट 'पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत और संतों और गुरुओं के आशीर्वाद के आधार पर' जीत रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए नारे 'बंटेंगे तो कटेंगे' के बारे में पूछे जाने पर चंद्रशेखर ने कहा, ''क्या आपने महाभारत देखी है? भाई-भाई एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े हुए और 'धर्म युद्ध' लड़ा।''

चंद्रशेखर ने उठाया किसानों का मुद्दा
चंद्रशेखर ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है, ताकि यहां के लोगों को सशक्त बनाया जा सके। एक बार फिर 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे के बारे में पूछे जाने पर चंद्रशेखर ने कहा, ''बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़कों की बदहाली सामने है। किसानों को उनकी उपज का मूल्य क्यों नहीं मिल रहा है...इस पर बोलें।''एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने पार्टी उम्मीदवार मोहम्मद अरशद के समर्थन में मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया।

9 सीटों पर उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के तहत आगामी 20 नवंबर को मतदान होगा। इनमें अम्बेडकर नगर की कटेहरी, मैनपुरी की करहल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां, कानपुर नगर की सीसामऊ, अलीगढ़ की खैर, प्रयागराज की फूलपुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल हैं। प्रदेश में जिन नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से आठ के विधायकों ने इस साल आम चुनाव में लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

कांग्रेस कर रही है सपा को सपोर्ट
सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने की वजह से खाली हुई है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है और ‘इंडिया’ गठबंधन की अपनी सहयोगी सपा का समर्थन कर रही है। बहुजन समाज पार्टी अपने बलबूते सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ रही है। ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने गाजियाबाद, कुंदरकी और मीरापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चंद्रशेखर की आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने सीसामऊ को छोड़कर सभी सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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